शनिवार, 5 मार्च 2022

भारत को पहली बार रूस का कर्ज उतारने का अवसर मिला....

 रूसी आक्रमण से आहत एवं क्षत विक्षत यूक्रेन से भारतीय छात्रों को सकुशल वापिस लाने के लिये जो कुछ भी बेहतर उपाय किये जाने चाहिये,वो देर से ही सही, लेकिन भारत सरकार द्वारा सम्पन्न किये जा रहे हैं ! किंतु भारत सरकार ने इस मुहिम में हवाई जहाजों पर जो करोड़ों रुपया पानी की तरह बहाया है,उसकी भरपाई कौन करेगा ? जनता के टैक्स की रकम जिस तरह यूक्रेनी छात्रों पर लुटाई जा रही,उसी तरह कोरोना संकट में जिनका काम धंधा छूट गया,उनको भी कुछ मदद मिलेगी क्या?

भारत का करोड़ों रुपया एलीट क्लास के उन युवाओं पर खर्च किया जा रहा है,जो पढ़ाई पूरी होने के बाद आमतौर पर विदेशों में ही खप जाने के लिये तैयार हैं!अब जबकि भारत वापिस लौटे हैं तो उनकी पढ़ाई जारी रहे,इसके लिये केंद्र सरकार लगातार प्रयास कर रही है!जबकि ऊपर से तुर्रा ये कि कुछ लोग इतने ऐहसानफरामोश हैं कि इस मुद्दे पर भी अपनी ही सरकार को घेर रहे हैं,मानों यूक्रेन पर रूसी हमले के लिये या छात्रों को संकट में डालने के लिये भारत सरकार जिम्मेदार हो!
याद रहे मोदी सरकार ने विगत 7 साल में जो कुछ अच्छे या बुरे काम किये,उनमें सबसे सही फैसला यदि कोई है तो वो है भारत का संयुक्त राष्ट्र संघ में रूस का समर्थन करना! भारत के लिये महत्वपूर्ण यह नही कि रूस में कम्युनिज्म है,लोकतंत्र है या तानाशाही! इतिहास गवाह है कि हर संकट में रूस ने भारत का साथ दिया है! और मोदी सरकार ने बड़ी जीबटता से रूस का साथ दिया!
अव्वल तो पढ़े लिखे टैलेंटेड भारतीय युवा अपन वतन छोड़कर ,व्यक्तिगत केरियर के वास्ते यूके, यूएस, यूक्रेन चीन इत्यादि देशों में चले जाते हैं, ऊपर से तुर्रा ये कि संकट आने पर अपने वतन को कोसने लग जाते हैं! उनको बचाने में देश का अरबों खरबों रुपया लुटाया जा रहा है! इतने रुपये में तो ठेका मजूरों की महिनों से बकाया पगार दी जा सकती थी,गरीबों बेरोजगार युवाओं को मदद दी जा सकती थी!
दुख तो इस बातका है कि गरीब वर्ग के हितों की दुहाई देने वाले,क्रांतिकारी साथी गण विचारधारा की सलीब अपने कांधे पर लादे हुए मोदी विरोंध में मगन हैं! भाजपा विरोध की रो में बहक कर वे देश के गरीबों की बात करने के बजाय मोदी सरकार की निंदा में व्यस्त हैं! मोदी विरोध का उनका यह स्टैंड कितना घटिया है कि विदेश से धनी छात्रों को वापिस लाने के लिये जो प्रयास अब हो रहा है,वो पहले क्यों नही किये गये!
मोदी सरकार की निंदा तो हर कोई ऐरा गैरा नत्थू खैरा कर सकता है,मैने भी किसानों पर हुए अत्याचारों के लिये मोदी सरकार की निंदा में सोशल मीडिया पर लगातार लिखा!किंतु यूक्रेन पर रूस के हमले पर और यूक्रेन से छात्रों को बचाने में मोदी सरकार ने जो किया वह संतोषजनक है! लेकिन देश में मेंहगाई है,बेकारी है,पीएसयू बेचे जा रहे हैं,मोदी सरकार के इन गलत कामों का मैं समर्थन नही करता #नरेंद्रमोदी

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें