कांग्रेस की लगातार हो रही हार का कारण सिर्फ परिवारवाद,जातिवाद और भ्रस्टाचार ही नही है! बल्कि अतीत में भारत समेत शेष विश्व में इस्लामिक आतंकवाद ने जो कहर बरपाया है,उसी मजहबी उन्माद का परिणाम है कि भारत में कांग्रेस और वाम धर्मनिर्पेक्ष दलों की लोकप्रियता में गिरावट दर्ज हुई है !
भारत की निरीह अहिंसक जनता ने मजहबी आतंकवाद का जो दंश भोगा है, कश्मीरी हिंदूओं का जो कत्लेआम हुआ है और यूपी समेत पूरे भारत में विदेशी ऐजेंटों की करतूत से भारतीय समाज में जो अलगाव और वर्ण संघर्ष तेज हुआ है,उसीके आक्रोष ने भाजपा को सत्ता में बिठाने का काम किया है!
बाबा रामदेव,अन्ना हजारे के छद्म आंदोलन, संघ की अनवरत चुनावी तैयारी,रथयात्राएं, और *रामलला मंदिर* ये सब तो भाजपा की जीत के निमित्तमात्र हैं! दरसल कांग्रेस और वामपंथ को हरवाने में इस्लामिक आतंकवाद और अल्पसंख्यक वर्ग की टैक्टिकल वोटिंग का विशेष हाथ रहा है ! बंगाल में वामपंथ ने अल्पसंख्यसकों के लिये क्या नही किया? किंतु वाम को छोड़ ममता के साथ हो लेना अल्पसंख्यक वर्ग की टैक्टिकल वोटिंग का जीवंत प्रमाण है!
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