शनिवार, 26 मार्च 2022

2024 के लोकसभा चुनाव में, भाजपा की यूपी में बम्फर जीत होगी!

 जिनके पास बेहतरीन विचारधारा है,जिनके पास व्यक्ति,समाज,प्रदेश और राष्ट्र को आगे ले जाने का ठोस कार्यक्रम है,जिनके पास बेहतर नीतियां हैं,उनके उम्मीदवार इस दौर के चुनाव में जमानत भी नही बचा पाते!

इन तमाम हरल्ले दलों को चाहिये कि मोदी योगी,अमित शाह या भाजपा की निंदा करने के बजाय,उनकी राजनैतिक सफलता और लोकतंत्र में उनके वास्तविक सामाजिक समभाव से सबक सीखना चाहिये! मैने फेशबुक पर यूपी विधान सभा चुनाव से पूर्व अनुमान व्यक्त किया था कि बसपा साफ होगी,सपा हॉफ होगी एवं योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बने रहेंगे! जो लोग नियमित रूप से मेरी पोस्ट पढ़ते हैं, वे गवाह हैं कि जो कहा ,वही हुआ! इसका अभिप्राय यह नही कि यह मेरी आकांक्षा थी बल्कि यह यथार्थ बोध कहा जा सकता है!
आज यूपी मंत्रिमंडल शपथ समारोह में नव मंत्रिमंडल के चेहरे देखकर मैं दावे से कह सकता हूँ कि 2024 के लोकसभा चुनाव में, भाजपा की यूपी में बम्फर जीत होगी!
क्योंकि भाजपा ने दलित पिछड़े,अगड़े, तगड़े-बनिया, ठाकुर निषाद,बाल्मीकि और ब्राह्मण एक मंच पर जमा कर लिये हैं!
एक खास जाति वाले,अल्पसंख्यकों को हिंदुओं सै लड़ाकर, भारतीय समाज में जहर घोलने वाले,सैफई वाले,कैराना वाले,रामपुर कन्नौज वाले आइंदा 30 साल तक सत्ता में नही आ सकेंगे!
केवल कांग्रेस और कम्युनिस्ट ही भाजपा का विकल्प बन सकते हैं! बशर्ते वे हिंदू मुस्लिम में फर्क करने के बजाय, अल्पसंख्यक बनाम बहुसंख्यक की राजनीति करने के बजाय, भाजपा की तरह वास्तविक धर्मनिर्पेक्ष नीति का अनुशरण करें! और तथाकथित किसी टुकड़ टुकड़े गैंग का समर्थन करने के बजाय आतंकवाद की खुलकर निंदा करें! कश्मीरी हिंदुओं की दुर्दशा का मजाक उड़ाने के बजाय उन पर हुए अत्याचार के लिये आँसू बहायें तो शायद भाजपा को हराया जा सके!
भाजपा के रूप में चुनाव जीतकर सत्ता में आने वाले संगठित हिंदू समाज को आप आँदोलन,हड़ताल और जुलूस से नही हरा सकते! जब तक गरीब हिंदू या मुसलमान लोकतंत्र या धर्मनिर्पेक्षता के नाम पर नही बल्कि अपनी कौम के नाम पर वोट देते रहेंगे, तब तक किसान मजदूर सर्वहारा की एकता असंभव है और बिना सर्वहारा की एकता के वर्तमान हिंदुत्ववादी पूँजीवाद को हरा पाना असंभव है! भारत में कोई क्रांति तभी सफल हो सकेगी,जब क्रांतिकारी लोग भारतीय अस्मिता और भारतीय बहुसंख्यक समाज का आदर करना सीख लेंगे! कोरी शाब्दिक लफ्फाजी से द्वंदात्मक संघर्ष तेज नही होगा! यह पूँजीवाद और उग्र राष्ट्रवाद एक आग का दरिया है, इसमें कई पीढ़ियों को डूबकर जाना होगा,तब शायद सपनों का सर्वप्रिय समाज और राष्ट्र बन पाएगा!
बहरहाल लोकतांत्रिक प्रक्रिया से चुने गये उत्तरप्रदेश के नये मंत्रिमंडल को
बधाई
! योगीजी और मोदी जी को
बधाई
!


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