कुनबापरस्ती और जातिवाद के लिये बदनाम मुलायम यादव के पुत्र और सपा अध्यक्ष अखिलेश की अपने कार्यकर्ताओं के हितों की प्रतिबद्धता काबिले तारीफ है!
यूपी में सपा की जीत के लिये एक सपा कार्यकर्ता शर्त में अपनी मोबाइक हार गया ! जब यह खबर अखिलेश यादव को लगी तो उन्होंने तत्काल एक लाख रु. का चैक काटकर उस शर्त हारने वाले युवक को भेज दिया!
अखिलेश यादव के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी यदि साम्प्रदायिकता और जातियतावाद से मुक्त होकर सच्चे समाजवाद की ओर अग्रसर हो,और सर्वसमाज के गरीबों के लिये काम करे,तो वह दक्षिणपंथी पूंजीवादी गठजोड़ को चुनौती दे सकता है!
आज का भारतीय युवा सस्ती और सर्वोत्तम शिक्षा की मांग नही करता,उद्यम-रोजगार या सुशासन की मांग नहीं करता,वह मेंहगाई पर नियंत्रण की मांग नहीं करता ! आज का युवा सामूहिक और राष्ट्रीय हितों को लेकर संघर्ष की बात नही करता! ऐंसा करने के बजाय वह जातिवादी धड़ेबंदी,मजहबी उन्माद और हिजाब बगैरह जैसे बाहियात मुद्दों पर नाहक धमाचौकड़ी में मश्गूल है!
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