बुधवार, 23 मार्च 2022

भारतीय युवा पीढ़ी को मंडूक बना कर रख दिया है

 आधुनिक युवाओं को शहीद भगतसिंह, राजगुरु और सुखदेव जैसे महान संघर्षशील शहीदों के क्रांतिपथ और व्यवस्था परिवर्तन के सिद्धांत-सूत्रों के बारे में पर्याप्त जानकारी नही है ! यदि होती तो आज लाखोंकी संख्या में शहीदों की मजारों पर,उनकी मूर्तियों के समक्ष लाखों युवाओं की भीड़ होती! और आसमान में इंक्लाब जिंदाबाद का नारा गूँजता !

शहीदों के बारे में किसी को यदि न्यूनाधिक ज्ञान है भी,तो उन्हें शहीदों के त्याग-बलिदान मानवीय मूल्य और क्रांतिकारी साधन बहुत जटिल और डरावने मालूम पड़ते हैं! निहित स्वार्थ लिप्त बुर्जुवा वर्ग की प्रतिस्पर्धात्मक जीवन शैली और आधुनिक भारत के क्षेत्रिय भाषायी युवाओं की साम्प्रदायिकता एवं जातीय सामाजिक आरक्षण व्यवस्था ने अपने प्रभाव से भारतीय युवा पीढ़ी को मंडूक बना कर रख दिया है!
लालू, मुलायम परिवार मायावती,अखिलेश, ममता,नवीन पटनायक,नीतीष,बादल,ठाकरे, करुणानिधी,देवैगोड़ा,पासवान,चंद्रबाबू जैसे विचारधारा विहीन नेताओं ने कभी भूल से भी शहीदों का नाम नहीं लिया! इन लोगों ने जिस तरह की कुटिल राजनीति की है उससे भगतसिंह जैसे महान क्रांतिकारी के विचारों का दूर दूर तक कोई लेना देना नही है!
इसी तरह उत्तरभारत के अधिकांस हिंदी भाषी आधुनिक युवाओं को अमर शहीदों के क्रातिकारी विचार या तो विदित ही नहीं या व्यवहारिक जमीन पर 'दूर के ढोल सुहावने' जैसे लगते हैं।इसीलिये अधिकांस आधुनिक उत्तर भारतीय युवा-खास तौर से जन्मना हिन्दू युवा जय श्राराम का नारा लगाते लगाते हर हर मोदी- घर घर मोदी के नारों में लीन हो गये! धीरे धीरे ये हिंदू युवा भाजपा की राजनैतिक नाव पर सवार होकर किसी खास नेता के अँधभक्त हो गये !
यह युवावर्ग मोदी जी के विकासवाद और चाय,पकौड़ा बनाम झाड़ू,और चौकीदारी से आगे नही सोच पा रहा है ! उनका अभीष्ट केवल रामलला मंदिर पुर्निर्माण मात्र नही था,बल्कि इस बहाने हिंदुत्व का ध्रुवीकरण करते हुए, उसके बलबूते पर सत्ताहस्तांतरण करने का लक्ष्य था !
दुनिया का आधुनिक उच्च तकनीकि में दक्ष युवा अपने अपने सपनों का देश बनाने में जुटा है,किंतु भारतीय हिंदू युवा एक भयंकर अनजानी राह पर आगे बढ़ने का ख्वाब देख रहा है।भले ही यह मोदीयुगीन नाव कहीं भी न जाती हो, या किसी अज्ञात भंवर की ओर ही ले जाती हो ! इसीलिये यह बहुत जरुरी है कि आधुनिक युवा वर्ग शहीद भगतसिंह को पढ़े,समझे और अपना आदर्श भी बनाये !


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