यूरोपीय संघ यूक्रेन को पैसों की मदद कर रहा है औऱ कह रहा है कि यूक्रेन तुम आख़री यूक्रेनियन बचे तब तक रुस से युद्ध करो EU तुम्हारे साथ है ,,यूक्रेन को रुस के ख़िलाफ़ छूलूगू करके दूर से बैठे -बेठे देख रहे है। पड़ोसियों के झाँसे में आकर कामेडीयन से राष्ट्रपति बने जोलांसकी ने रुस से अड़ी लेकर अपने देश व जनता के वजूद के साथ खिलवाड़ कर लिया है !
लेकिन यूक्रेन की राष्ट्रवादी जनता को सेल्यूलट जो यह जानती है कि रुस के सामने उनकी आर्मी युद्ध के मैदान में ज़्यादा दिन टिक नही पाएगी लेकिन अपने राष्ट्र की आन बान और शान को बचाने के लिए राष्ट्रवादी जनता ने हथियार उठा लिए है!!
इसलिए दुनियावासियों को छोटे भाई यूक्रेन और बड़े भाई रुस के इस युद्द से एक बात समझ लेना चाहिए कि EU जैसे पड़ोसी के बहकावे में आकर बड़े भाई से झगड़ा करने की बजाय घर में बेठकर घर का झगड़ा निपटा लेना चाहिए …वर्ना पड़ोसी ने तो दोनो भाइयों की लड़ाई से फ़ायदा उठाने का ठान ही लिया है। अब आने वाले समय में दुनिया जब तक रहेगी तब तक सबसे ज़्यादा युद्ध धार्मिक कट्टरपन्थी लोग ही करेंगे! उसके बाद अमेरिका /चायना /रुस जैसी महाशक्तियाँ व्यापारिक वर्चस्व स्थापित करने के लिए छद्म युद्ध अपने एजेंटों के माध्यम से लड़ते रहेंगे ओर अपना हित साधते रहेंगे …इन महाशक्तियों के लिए इंसानियत /मानवता जैसी बातों से कोई फ़र्क़ नही पड़ेगा!! .इन महाशक्तियों से केवल छोटे -छोटे देशों को उनके लोगों में अपने राष्ट्र के प्रति लगाव या उनकी “राष्ट्रवादी भावना “ या अपने राष्ट्र के लिए संगठित जनमानस ही उनके राष्ट्र को इन ड्रेगनो से बचा पाएँगे वर्ना इन धूर्तों-ड्रेगनो ने भाई से भाई को लड़ाने के लिए वायरस रूपी एजेंट अलग -अलग रंग रूप वेश में अन्य- अन्य देशों में अपने मंसूबे पूरे करने के लिए छोड़ diya..
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