संविधान प्रदत्त अधिकारों में सभी कौमों की छात्राओं को समान अधिकार का एक अर्थ यह भी है कि वे सब तयशुदा गणवेश में स्कूल जाएं ! यदि गणवेश नही पहनेंगी तो स्कूल या शिक्षा संस्थान में नही ,बल्कि किसी मदरसे में जाकर पढ़ें! इंजीनियर डॉक्टर,प्रोफ्सर,कलैक्टर,वैज्ञानिक,पायलट
बनना है तो हिजाब या खिजाब का दुराग्रह बकवास है! स्कूली गणवेश पहनो ,मन लगाकर पढ़ो,अवसरों का लाभ उठाओ! स्कूल कालेज में राजनीति करने या ऊधम मचाने का विशेषाधिकार किसी को नही,!
वैसे भी समाज के हर नर नारी को हक है कि वो अपने मन माफिक कपड़े पहने,किंतु स्कूल,NCC,पुलिस,वकील डॉक्टर सबका अपना अपना वैश्विक गणवेश है! जब सारी दुनिया की मुस्लिम महिलाएं हिजाब को पीछे छोड़ चुकीं हैं,तब भारत में मुस्लिम लड़कियों को भड़काकर बाहरी ताकतें इस देश में उपद्रव मचा रही हैं!
वैसे भी भारत में कौन क्या पहिन रहा है,कोई रोक टोक नही है और न होना चाहिये! जिसको जो पहिनना है खूब पहनो, लेकिन जब स्कूल जाओ, लेडी डॉक्टर बनो, नर्सिंग स्टाफ बनो,प्रोफेसर बनो,इंजीनियर बनो,पायलट ऐयर होस्टेस बनो,तब हिजाब पहनने का दुराग्रह कोई करे, तो बड़ी मुश्किल होगी!
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