रूस और उक्रेन के बीच लड़ाई लंबी खिच जाने तथा यूरोप-अमेरिका द्वारा रूस पर विभिन्न प्रतिबंध थोपने के कारण दुनिया भर में पेट्रोलियम उत्पादन कम किये जाने से विभिन्न सूचना माध्यमों पर पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ने की प्रबल आशंका जताई जा रही है
इस संदर्भ में अमेरिका की दुहरे मापदंडों के लिये शर्मनाक स्थिति बन गई है! कुछ साल पहले ईरान और बैनेजुएला पर आर्थिक प्रतिबंध लगाकर अमेरिका ने न केवल ईरान और बैनेजुएला की आर्थिक कमर तोड़ने का काम किया, बल्कि भारत में भी ईरान और बैनेजुएला से पेट्रोलियम उत्पाद का आयात बंद करवा दिया था!
अब जबकि रूस ने अमेरिका और यूरोप को पेट्रोलियम निर्यात बंद कर दिया है और युद्ध के कारण पेट्रोलियम उत्पादन बंद करवा दिया है! इन हालात में अमेरिका ने पुन: ईरान और बैनेजुएला को पेट्रो उत्पादन की अनुमती देकर खुद का उल्लू सीधा करने का प्लान किया है!
हालांकि इस फैसलो से भारत जैसे प्रमुख पेर्ट्रोलियम आयातक देश खुश हैं कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में पेट्रेलियम उत्पादों को ईरान और बैनेजुएला से मंगाकर रूस पर निर्भरता कम कर सकता है, भावों को स्थिर रख सकता है!
अमेरिका की सब जगह किरकिरी हो रही है,कि जब उसका मन चाहा प्रतिबंध लगा दिया और जब चाहा प्रतिबंध हटा दिया! इस तरह की दोगली नीति को स्वीकार करने वाले अमेरिका परस्त लोग इस मुद्दे पर मौन क्यों हैं!
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें