यूपी विधानसभा चुनाव की वोटिंग संम्पन्न हो जाने के बावजूद अखिलेश यादव अभी भी चुनाव प्रचार मोड पर नजर आ रहे हैं!आज पत्रकारों को संबोधित करते हुए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग और यूपी प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं ! उनका कथन का लब्बोलुआब यह है कि एक्जिट पोल में भाजपा की जीत बताने का मतलब है EVM में गड़बड़ी !
याने कि कल के एक्जिट पोल को अखिलेश ने सही मान लिया है,तभी तो वह घबराकर EVM -EVM जप रहा है! सवाल उठता है कि बाकी चार राज्यों के चुनावी एग्जिट पोल पर किसी ने अंगुली क्यों नही उठाई? दूसरी बात 10 मार्च के बाद आने वाले यूपी चुनाव परिणाम में यदि सपा जीत जाती है,तो क्या अखिलेश फिर से चुनाव कराने की मांग करेंगे?
क्योंकि वे खुले आम ऐलान कर रहे हैं कि "चुनाव में धांधली हुई है और EVM में हेर फेर हुआ है" यदि यह आरोप सच है ,तो सपा की जीत होने की स्थिति में अखिलेश यादव दुबारा चुनाव कराए जाने की मांग करेंगे?
बेशक चुनावों में भ्रस्टाचार हुआ होगा, किंतु दुनिया जानती है कि पूर्व में सपा के गुंडे जितनी हेराफेरी करते रहे हैं,तब अखिलेश ने कभी उज्र नही किया! ये दुहरे मापदंड क्यों? और यदि EVM से चुनाव जीतना आसान होता तो BJP बंगाल में क्यों हारी?
EVM पर इतनी पकड़ होती तो यूपीमें मोदी जी और योगी जी को रात दिन गहन चुनाव प्रचार करने की इतनी आवश्यकता नही थी! यदि बाईचांस पांचों राज्यों के आगामी सभी चुनाव परिणाम भाजपा के पक्ष में नही आये तब चुनावी धांधली के आरोप का क्या होगा?
मान लीजिये 10 -11 मार्च को एग्जिट पोल के बताए अनुसार मिले जुले परिणाम आते हैं,तब तो भाजपा और चुनाव आयोग को चाहिये कि मानहानि का मुकद्मा दायर करे! और अखिलेश यादव को गुंडे आजम खां के पास वाली बैरक में भेज दे! इन जातिवादी नकली समाजवादियों को देश की नहीं अपने परिवार की चिंता है ! इसके अलावा इनको किसी की फिक्र नही!
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