स्याह रात के बाद नयी सुबह खुद आती है।
जिंदगी का काम है चलना चलती जाती है।।
भोर किसी मुर्गे की बाँग की मुहताज नहीं।
ये दुनिया है, दुनिया ही इसको चलाती है।।
साहित्य कला संगीत मानवता गयी तेल लेंने
युद्ध का शोर,मौतों की खबर टीवी पै आती है!
बहुत चर्चे हैं विचारधाराओं के इस धरा पर,
शांति भाईचारे की उम्मीद नजर नही आती है!!
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