सत्ता महाठगनी हम जानी :-
नेता चलें चुनावी चालें उर जनता माँगे पानी !
लटके झटके जुमले वादे मंगते बन गए दानी !!
हर चुनाव का खर्चा देते प्रिय परम मित्र अंबानी!
राष्ट्र विकास में गिनती केवल रिलायंस और अडानी!!
खूब मनाओ जश्न विजय का किंतु याद रहे यह बानी !
बंगाल पंजाब में बज्जुर हारे,बात यह नही छिपानी !!
सत्ता महा ठगनी हम जानी!
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