अंग्रेजी में दो कहावतें ऐंसी हैं- जो हमारे वर्तमान प्रधान मंत्री जी के बड़ी काम की हैं। बहुत संभव है कि वे उन्ही का अनुशरण करने जा रहे हों !
पहली कहावत यह है कि - "If you can't defeat, you join them,,!" अर्थात यदि तुम किसी को तर्क बुद्धि से या रणकौशल से परास्त नहीं कर सकते तो उसे विजेता मानकर उसका अनुसरण करना ही श्रेयष्कर है।
दूसरी कहावत है कि - "If you don't like any particular thing ,then you should change it ! If you can't change it then you must change your self attitude ,,," अर्थात अगर तुम किसी चीज को पसंद नहीं करते हो तो उसे बदल डालो ! यदि तुम उसे बदल नहीं सकते तो अपना खुद का रवैया बदल डालो !
शायद अब इन कहावतों को ही चरितार्थ किया जा रहा है। इसीलिये किसान आंदोलन से पराजय की अनुभूति छिपाने के बहाने सत्ता के अहंकार की जिद छोड़कर मोदी जी अब 'आम आदमी ' के नेता होने का प्रयास कर रहे हैं।
इससे पूर्व किसान विरोधी बिल वापिस लेने के लिए पी एम मोदी जी ने मजबूरी में ही सही -अपने पूर्व निर्धारित अहोभाव से बहुत पृथक 'मोड़' पर आकर आज नया स्टेण्ड लेने की घोषणा की है! हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि वे अपने कौल के पक्के साबित हों! आमीन!
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