जब चोर,लूटेरे,डाकू,बदमाश,ठग,कार्पोरेटर, भ्रष्ट पूँजीवादी वर्ग और सांप्रदायिक तत्व एकजुट होकर जनता को लूट रहे होंतो लुटने वालों को भी हक है कि एकजुट हों ! भले ही कोई क्रांति संभव न हो किंतु संगठित विरोध राजनैतिक प्रतिरोध से शोषण की मारक शक्ति को कुछ तो कम किया ही जा सकता है!
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