2014 से पहले भारत में जब कभी मंहगाई और भ्रष्टाचार के कारण जनता परेशान होती तो तमाम ट्रेड यूनियनों, विपक्षी दलों के साथ बाबा,स्वामी और गुरुघंटाल धरने पर बैठ जाया करते थे! किंतु अब एक नया वर्ग पैदा हो गया है,जो गरीबी महंगाई से परेशान लोगों का साथ देने के बजाय पीड़ितों से कहीं भी भिड़ जाते हैं! जिन्हे हम महंगाई समर्थक वर्ग कह सकते हैं!
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