सोमवार, 15 नवंबर 2021

सर्जिकल स्ट्राइक से देश को क्या मिला?

 किसी भी लोकतान्त्रिक देश की निर्वाचित सरकार का यह उत्तरदायित्व है कि वह देश की सीमाओं की सुरक्षा के बाजिब इंतजाम करे। इसके लिए मजबूत और चौकस सैन्य बल एवम उसके लिए पार्यप्त आधुनिकतम अश्त्र -शस्त्र उपलब्ध कराना सरकार का परम कर्तव्य है। इसलिये वर्तमान सरकार ने भी इस बाबत अवश्य कोई क्रांतिकारी कदम उठाये होंगे!

किंतु व्यवहार में पाया गया कि सरकार की तमाम कोशिशें असफल साबित हुई हैं! बल्कि मौजूदा सरकार के कुछ फैसलों से आतंकियों के हौसले पस्त होने के बजाये बढ़ गए हैं! हमारे फौजियों पर और कश्मीरी पंडितों पर तथा भारत समर्थक कश्मीरियों पर हमले तेज हो गये हैं!
सर्जिकल स्टा्ईक से देश को कितना लाभ हुआ ? इसका तो अभी तक कोई पता नहीं चला! किंतु यह स्वयंसिद्ध है कि सर्जिकल स्ट्राइक के कारण पाकिस्तान परस्त मुस्लिम आतंकवाद खतरनाक रूप आकार ले चुका है!हमनो भारत के खिलाफ पाकिस्तान के परोक्ष युद्ध का जबाब 'पीओके' में 'आपरेशन सैन्य सर्जिकल स्ट्राइक' से देकर 'आग में घी डालने' का ही काम किया है! गोदी मीडिया और अंधभक्तों ने पीओके में सैन्य सर्जिकल स्ट्राइक का ढिंढोरा पीटकर देश की आवाम को यह जताने की फूहड़ कोशिश की है कि ''आइंदा आतंकवादी और पाकिस्तान अपनी औकात में रहेंगे। क्योंकि हमने 'पहली बार' सीमापार दुश्मन के घर में घुसकर, पाक-समर्थित आतंकवाद का सफाया कर दिया है।''
लेकिन सारा संसार नंगी आंखों से देख रहा है कि तथाकथित 'सैन्य सर्जिकल स्ट्राइक' के बाद से सीमा पर भारतीय जवान अधिक तादाद में शहीद हो रहे हैं ! पाकिस्तान और चीन की सीमा से तथा कश्मीर घाटी से हरदिन किसी न किसी माता का लाल गांव से लेकर शहर तक शहीद के रूप में ताबूत में भेजा जा रहा है!
2014 से पहले और बाद के दौर में फर्क सिर्फ इतना ही आया है कि पहले हमारे फौजी कम शहीद होते थे और पाकिस्तानी ज्यादा मरते थे! किंतु अब हमलावर कम मरते हैं और हमारे जवान ज्यादा शहीद हो रहे हैं! कभी कभी दोनों ओर से ज्यादा मरने लगे हैं। चूँकि मोदी सरकार के सत्ता में आने और सर्जिकल इत्यादि का टोटका करने से न तो आतंकवाद खत्म हुआ है और न ही पापी पाकिस्तान काबू में आया है इसलिये कश्मीर की दुर्दशा पहले से ज्यादा भयानक हो गयी है। यदि कोई यह सच बयान करे तो उसे देशद्रोह का तमगा हाजिर है।
पहली दफा सत्ता में आने के बाद याने ढाई साल बीत जाने के बाद जब मोदी सरकार को कालेधन और आतंकवाद पर कोई सफलता नहीं मिली तो उन्होंने 'घर में छिपे साँप को मारने के लिए घर में ही आग लगा दी'। ७-८ नवम्बर की दरम्यानी रात को उन्होंने १०००-५०० के नोटों पर बंदिश लगाकर ढिंढोरा पीट डाला कि 'भाइयो-बहिनो' देखो - हमने ''आपरेशन मौद्रिक
सर्जिकल स्ट्राइक करके हमने कालेधन वालों की ,रिश्वतखोरों की और आतंकियों का सारा धन जब्त कर लिया है !''जबकि हकीकत सामने है कि सरकार के खजाने में एक फूटी कौड़ी नहीं आयी! बैंकों के पास अबतक जो दो लाख करोड़ रूपया जमा हुआ वह ९९% नंबर एक की असली मुद्रा के रूप में विनिमय से प्राप्त पुरानी मुद्रा ही है, उसमें सिर्फ १% कालाधन हो सकता है। बाकी का १२ लाख करोड़ का कालाधन कहाँ है ? मोदी सरकार की दोनों सर्जिकल स्ट्राइक टॉय -टॉय फ़िस्स हो गयीं हैं !
*दुविधा में दोऊ गये, माया मिली न राम *
Ashok Pandey, Honey Tiwari and 7 others

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