सबको मालूम है कि जमाखोरी रिश्वतखोरी मिलावटखोरी,अवसरवाद और सांप्रदायिक कट्टरता की जकड़ में भारतीय लोकतांत्रिक सिस्टम अंदर से सड़ चुका है! किंतु किसान आंदोलन की तरह *व्यवस्था परिवर्तन* के लिये कोई कहीं कोई सुगबुगाहट भी नहीं है!
अत: EVM हो या बैलेट पेपर,बदलाव के लिए वोट करने वाले समझदार मतदाता भी गच्चा खा जाते हैं,क्योंकि उनके समक्ष या तो नागनाथ हैं या सांपनाथ ! क्रांतिकारी विकल्प कोई नहीं!# यूपी विधान सभा चुनाव.
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