रविवार, 28 नवंबर 2021

क्रांतिकारी विकल्प कोई नहीं!

 सबको मालूम है कि जमाखोरी रिश्वतखोरी मिलावटखोरी,अवसरवाद और सांप्रदायिक कट्टरता की जकड़ में भारतीय लोकतांत्रिक सिस्टम अंदर से सड़ चुका है! किंतु किसान आंदोलन की तरह *व्यवस्था परिवर्तन* के लिये कोई कहीं कोई सुगबुगाहट भी नहीं है!

अत: EVM हो या बैलेट पेपर,बदलाव के लिए वोट करने वाले समझदार मतदाता भी गच्चा खा जाते हैं,क्योंकि उनके समक्ष या तो नागनाथ हैं या सांपनाथ ! क्रांतिकारी विकल्प कोई नहीं!# यूपी विधान सभा चुनाव.

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें