एक जैसी मुस्कान हो सबके चेहरों पर !
एक से दीप जलें महलों और झोपड़ों पर !!
एक ही रंग हो खुशियों का हरएक के लिए !
हर इंसान जिए और जले मुहब्बत के दिये!!
सब होवें सम्पूर्ण किसीकी जेब ना खाली हो!
एक जैसी पूजा हो एक जैसी पूजाकी थाली हो !!
हर नगर बने अयोध्या ,हर मानव श्रीराम बने!
सबको मिल जाए काम सबको पहचान मिले!!
आओ! हम सर्वसमाज को परिवार बनाते है!
किसीका दिल न दुखे ऐसा दिवाली पर्व मनाते हैं
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