जिस किसी प्रबुद्ध कौम या राष्ट्र ने 'व्यक्ति विशेष' की महत्ता के बजाय उसके द्वारा प्रणीत श्रेष्ठ 'मानवीय मूल्यों' को अर्थात ''विचारों' को महत्व दिया ,उस कौम या राष्ट्र ने अजेय शक्ति हासिल की। व्यक्ति की जगह मानवीय मूल्य , मानवोचित विचार और विवेक को महत्व देने के कारण ही अंग्रेज जाति ने सैकड़ों साल तक अधिकांस दुनिया पर राज किया है। जबकि अपने तानाशाह शासक नेपोलियन की जय- जयकार करने वाली फ़्रांसीसी जनता को एक अंग्रेज जनरल 'वेलिंग्टन' के सामने शर्मिंदा होना पड़ा। इसी तरह हिटलर की जयजयकार करने वाले जर्मनों की नयी पीढी को उनके पूर्वजों का अंतिम हश्र ,आज भी शर्मिंदा करता है। जनरल तोजो की हठधर्मिता के कारण ही हिरोशिमा और नागाशाकी का भयानक नर संहार हुआ था, जिसका नकारात्मक असर आजभी जापानकी जनता पर देखा जा सकता है। जो कौम या राष्ट्र इतिहास से सबक नहीं सीखते उनका वजूद हमेशा खतरे में रहता है !
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