शुक्रवार, 3 मार्च 2023

मोदीजी की सोच और कार्यशैली

 भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू हमारे लिये सर्वथा वंदनीय हैं,राष्ट्र के लिए इंदिराजी का बलिदान यह देश युगों युगों तक नहीं भूल सकता! राजीव गांधी की देशभक्ति एवं बलिदान तथा उनके राष्ट्रीय अवदान को जो न माने वह मूर्ख है!उनकी शहादत के बाद पी वी नरसिंहाराव और अटलजी को भी हमने बिना शक सम्मान दिया! चंद्रशेखर,देवगौड़ा,गुजराल के अलावा उपरोक्त सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों ने देश की सेवा की है!

1999 में जब अधिकांश गैर भाजपाई दलों ने सोनिया गांधी को प्रधानमंत्री प्रत्याशी बनाया था, और जब सीपीएम महासचिव का.हरकिशन सिंह सुरजीत ने वामपंथ की ओर से यूपीए को बाहर से समर्थन जताया था,तब हमने पटाखे जला कर खुशी जाहिर की थी! इसके तुरंत बाद जब पता चला कि सोनिया जी ने रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर डा. मनमोहन सिंह जी को अपनी जगह शपथ ग्रहण के लिए राष्टपति के समक्ष प्रस्तुत किया है, तब हमने दिल से खुशी जाहिर की थी!
2014 में आडवाणी जी मुरली मनोहर जोशीजी सुषमा स्वराज, राजनाथसिह जी को धकियाकर, (जेटलीजी और भागवतजी के सहयोग से ) नरेंद्र मोदी जब प्रधानमन्त्री बने, तब हमें अच्छा नहीं लगा.किंतू 2019 में मोदी जी जब प्रधानमंत्री बने और केबिनेट में विदेशमंत्री एस जयशंकर को लिया,रेलमंत्री अश्वनी वैष्णव को बनाया, कोरोना संकट का डटकर मुकाबला किया तथा कश्मीर से ३७० हटाया, रामलला मंदिर का वादा पूरा किया ,तब हमें लगा कि वंदे में दम है !
इसके अलावा हम इस बात पर मोदी के साथ हैं कि पाकिस्तान सहित दुनिया में जितने भी भारत के दुश्मन रहे हैं, वे सभी नरेंद्र मोदी के भी दुश्मन हैं! इसलिये अपने वतन से प्यार करने वाला हर शख्स मोदी सरकार का समर्थन करने को बाध्य है!
हालांकि मोदीजी की सोच और कार्यशैली में कुछ खामियां हैं, वे नेहरूजी,इंदिराजी, राजीव गांधी के बारे में नकारात्मक सोच रखते हैं! 70 साल में कुछ नहीं हुआ,ऐंसा कहना मूर्खता ही है! इसके अलावा न तो भ्रस्टाचार खत्म हुआ न स्विस बैंक से काला धन वापिस आया! दूसरे दलों के दलबदलुओं को खरीदकर सरकार बनाना, कहीं से भी उचित नहीं है! क्रमशः
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