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दूसरों के प्रति बुरी भावना रखने से हम किसी का बुरा तो नहीं कर सकते,क्योंकि किसी के पुरुषार्थ पर हमारा कोई काबू नही! किंतु दुर्भावना जनित विकार से हमारा अंतःकरण अवश्य मैला होजाता है! सामाजिक जीवन में मनुष्य के पतन का यह विशेष कारण है!
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