प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदीने देश के हर नागरिक को बराबर लाभ पहुँचाने की कोशिश की है, यह बात अलग है कि मोदी सरकार,दयोगी- शिवराज के राज में कमजोर सवर्ण हासिये पर चले गए हैं!
मोदीजी किस्मत के धनी हैं! जब वे गुजरात के मुख्यमंत्री थे,तभी से उनके प्रयास से भाजपा की वित्तीय स्थिति मजबूत करने के लिए,श्री गौतम अडानी और मुकेश अंबानी ने भरपूर चंदा है और परोक्ष सहयोग दिया है! कांग्रेस के शासनकाल में भी सभी पूंजीपतियों ने कांग्रेस को अरबों रुपयों का बेहिसाब चंदा दिया है, किंतु सुखराम और नारायणदत्त तिवारी जैसे नेतागण कांग्रेस पार्टी को मामूली हिस्सा देकर, चंदे की बाकी रकम अपनी अय्याशी में लुटा दिया करते थे! यही बजह है कि कांग्रेस पार्टी कंगाल होती चली गई और सत्ता से बाहर हो गई! जबकि भाजपा नेता और कार्यकर्ताओं ने अधिकांश चंदा पार्टी फंड में जमा किया और लोगों के काम भी किये!
कांग्रेस पार्टी हाईकमान ने 2 जी,3 जी,कोयला भृस्टाचार करने वाले नेता मंत्री से सवाल तक नहीं किया! जबकि भाजपा में वित्तीय गड़बड़ी करने वाले मंत्री हटाये गये हैं और आज किसी मंत्री या मंत्री पुत्र की औकात नही कि मोदीजी के राज में पार्टी फंड डकार सके!
अडानी विमर्श में मोदीजी को घसीटने का कोई मतलब नही है ! अडानी समूह ने भाजपा सरकार ही नहीं, केरल की लैफ्ट (पिनराई) सरकार और बंगाल की ममता सरकार को भी भरपूर चंदा दिया है! पूंजीवादी व्यवस्था में सत्तासीन पार्टी को विपक्षी पार्टियों के सापेक्ष भामाशाहों से ज्यादा चंदा मिलता रहता है! हिंडन वर्ग खुद औरों की जासूसी करने के लिए पूंजीपतियों से चंदा लेता है! अतएव कोई कितना ही जोर लगा लल् अडानी के बहाने मोदी सरकार को बदनाम करने की कोशिश सफल नही होगी !
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें