बुधवार, 22 मार्च 2023

मेरा शहर इंदौर

 मेरा शहर इंदौर स्वच्छता में 6-7 साल से नंबर वन है ! यहाँ के डीएम बहुत बढ़ियां है! पुलिस कमिश्नर उच्च पुलिस अधिकारी भी कर्मठ और योग्य हैं ! वे सदा सतर्क रहते हुए इस नगर जनता की तकलीफों का निवारण करते हैं! नगर निगम के सफाई कर्मियों और अफसरों की काबिलियत भी जग जाहिर है! स्वयं प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने इस शहर की मुक्तकंठ से प्रशंसा की है!

किंतु कुछ समस्याएं यथावत हैं!
1- स्ट्रीट लाईट 24 घंटे याने अहिर्निश जलती रहती है!
2-नर्मदा जल परियोजना पाईप लाईन यत्र तत्र खुद रही सड़कों पर अचानक फब्बारे छोडंने लगती है! प्रदूषित पेय पेयजल की शिकायत सर्वकालिक और सर्व उपनगरीय है!
3- सिटी फॉरेस्ट में पेड़ पौधे मुरझाने लगे हैं,वहाँ विचरण कर रहे पंख पखेरु मयूर सब पानी के बिना तड़प रहे हैं! यहीँ कनकेश्वरी उपवन में इंसानों के लिये भी पेयजल की व्यवस्था नही है !
4 -सड़कें भले चौड़ी कर दीं गईं हैं,फुटपाथ भी बहुत बनाए गए,लेकिन पैदल चलने वाले को इस शहर में जगह नही है! जिसको जहां जगह दिखती है वो वहां अपना वाहन खड़ा कर जाने कहाँ गुम हो जाता है!
5- सरकारी अस्पतालों में जो इलाज कराने जाता है,यदि उसकी वहाँ जान पहचान नही है,तो जिंदा घर लौटना बहुत मुश्किल है!
निजी अस्पतालों का हाल वही है,जो संजय दत्त की फिल्म ( नामालूम) में दुर्गति और भ्रस्टाचार सहित दर्शाया गया है!
6 - मिलावटी खाद्यान्न पर खाद्य विभाग और स्थानीय प्रशासन लगभग मौन रहता है! गेहूँ चावल में कितना कचरा कंकड़,धनिया में हाथी की कितनी लीद और दूध में कितना पानी मिलाया जाता है? उसमें नल का पानी मिलाया जाता है कि ढोरों का ? गैल घाट का गंदे नाले का पानी मिलाया जाता है या कि कुए का?
इन सभी सवालों पर स्थानी़य और मध्य प्रदेश प्रशासन मौन है! #PMNarendraModi जी #कलेक्टर इंदौर /#कमिश्नर इंदौर/#MPSEB/#Municipal Corporations
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