राहुल गांधी भले ही 50 के होने जा रहे हैं,किंतु उनका दुर्भाग्य यथावत् जारी है! इससे पहले की कांग्रेस नेता *भारत जोड़ो यात्रा* की आंशिक सफलता के जोश को राजनैतिक लाभ में परिवर्तित कर पाते,राहुल गांधी की पूर्ववर्ती बयानबाजी ने रायता ढोल दिया! इधर अदालत ने दो साल की सजा सुनाई,उधर फटाफट संसद की सदस्यता छीन ली गई!
दरसल राहुल गांधी का पराभव और कांग्रेस की लगातार हो रही हार का कारण सिर्फ,उनकी गलत बयानी,परिवारवाद,जातिवाद और भ्रस्टाचार ही नही है! बल्कि अतीत में भारत सहित दुनिया भर में इस्लामिक आतंकवाद ने जो कहर बरपाया,उसी मजहबी उन्माद का परिणाम है कि भारत में बहुसंख्यक हिंदू समाज को झटका लगा कि इन हालात में भी कांग्रेस और वाम धर्मनिर्पेक्ष दल केवल अल्पसंख्यक हित की ही बात करते हैं!हिंदुओं को लगा कि कांग्रेस और वामपंथ की अपेक्षा भाजपा ही इस इस्लामिक आतंकवाद का मुकाबला कर सकती है! यही वजह है कि वामपंथ और कांग्रेस की लोकप्रियता में बहुत गिरावट दर्ज हुई है !
दूसरी तरफ जातिवादी क्षेत्रीयतावादी व्यक्तिवादी दल,जो कि भ्रष्टाचार के दल दल में आकंठ डूबे हैं, वे केंद्र की मोदी सरकार का विरोध इसलिए कर रहे हैं कि मोदी सरकार को हटाकर केंद्र में ऐंसी कमजोर गठबंधन सरकार लाई जाए जो कि इन भ्रष्ट नेताओं और महाभ्रष्ट क्षेत्रीय दलों को अभयदान दे सके!
अतीत में भारत की निरीह अहिंसक बहुसंख्यक जनता ने मजहबी आतंकवाद का जो दंश भोगा है,कश्मीरी हिंदूओं का जो कत्लेआम हुआ है,एवं 'गजवा ए हिंद' का जो ऐलान दरपेश हुआ है और यूपी समेत पूरे भारत में विदेशी ऐजेंटों की करतूत से भारतीय समाज में जो अलगाववाद और वर्ण संघर्ष तेज हुआ है,उसी के परिणामस्वरूप हिंदु जनाक्रोष ने भाजपा को सत्ता में बिठाने का काम किया है!
इसके अलावा तीन तलाक,उज्जवला योजना, मुफ्त अनाज योजना,सहित सभी कल्याणकारी योजनाओं ने मुस्लिम महिलाओं और दलित आदिवासी गरीब वर्ग को मोदी का मुरीद बना दिया है! इसलिए बहरहाल राजनीतिक पटल पर कांग्रेस और वामपंथ का स्पेस अभी सिकुड़ता जा रहा है! इस हालात में राहुल गांधी, कांग्रेस और वामपंथ के सामने एक ही विकल्प है कि वे बहुसंख्यक हिंदुओं की भावनाओं का सम्मान करें और भाजपा की गलतियों को जनता के बीच पेश करते रहें!
यह सच है कि मनमोहन सिंह सरकार ने खूब काम किये थे,किंतु तब राहुल गांधी ने उनका साथ देने के बजाय अपमानित ही किया था! तब बाबा रामदेव,अन्ना हजारे के छद्म आंदोलन, संघ की अनवरत चुनावी तैयारी,रथयात्राएं, और *रामलला मंदिर* ये सब उपादान भाजपा की जीत के निमित्त रहेहैं! दरसल कांग्रेस और वामपंथ को हरवाने में इस्लामिक आतंकवाद और अल्पसंख्यक वर्ग की टैक्टिकल वोटिंग का विशेष हाथ रहा है ! बंगाल में वामपंथ ने अल्पसंख्यसकों के लिये क्या नही किया? किंतु वाम को छोड़ ममता के साथ हो लेना अल्पसंख्यक वर्ग की टैक्टिकल वोटिंग का जीवंत प्रमाण है! जय हिंद!#PMNarendramodi/राहुलगांधी/
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