बेमौसम बर्षा की मार झेलते,
खेत खलिहान और गल्ले !
मदद करो सरकार छोड़कर ,
पूंजी निवेश के हो हल्ले !!
जेलेंस्की अहंकारी जिद्दी !
यूक्रेन रूस की जंग मची,
खुश हैं हथियारों के दल्ले !!
खरीद कर रूसी क्रूड़ आयल,
भारत की हो गई बल्ले बल्ले!
क्यों हुए मंहँगे डीजल-पैट्रोल?
मेरे यह बात पड़ी नही पल्ले!!
श्रीराम तिवारी
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