सोमवार, 6 मार्च 2023

राहुल ने लंदन में की मोदी की बुराई !

 कोरोना संकट का सफलता पूर्वक सामना करने, भारत में खुद की बैक्सीन निर्मित कराने,चीन से न केवल भारतीय छात्रों को,बल्कि भारत से सदा दुश्मनी रखने वाले पाकिस्तानी छात्रों को भी चीन से बाहर निकलवाने में सहयोग करने वाली नरेंद्र मोदी सरकार सर्वदा सराहना की हकदार है!राहुल गांधी विदेश में जाकर इस बात की चर्चा करते तो शायद 10 साल बाद कांग्रेस के अच्छे दिन आ जाते ! किंतु राहुल ने तो लंदन में मोदी की बुराई करने के बहाने भारत की ही जमकर बुराई कर डाली! ऐसा प्रतीत होता है कि राहुल गाँधी सहित कांग्रेस के अन्य नेताओं ने कांग्रेस को ही खत्म करने की सुपारी ले रखी है!

रूसी आक्रमण से आहत एवं क्षत विक्षत यूक्रेन से भारतीय छात्रों को सकुशल वापिस लाने के लिये जो बेहतर उपाय किये जाने चाहिये थे,वो भारत सरकार ने शीघ्रता से सम्पन्न किये ! किंतु भारत सरकार ने इस मुहिम में हवाई जहाजों पर जो करोड़ों रुपया पानी की तरह बहाया है,उसकी भरपाई कौन करेगा ? जनता के टैक्स की रकम जिस तरह यूक्रेनी छात्रों पर लुटाई गई ,उस पर राहुल गांधी ने कभी कोई सवाल नही उठाया! उसी तरह कोरोना संकट में जिनका काम धंधा छूट गया,उनको भी कुछ मदद मिलनी चाहिए? इस पर सरकार से सवाल जबाब करने के बजाय राहुल गांधी और पूरा विपक्ष अडानी फोबिया से पीडि़त हो रहा है ! खुदा खैर!
भारत का करोड़ों रुपया एलीट क्लास के उन युवाओं पर खर्च किया जा रहा है,जो पढ़ाई पूरी होने के बाद आमतौर पर विदेशों में ही खप जाने के लिये तैयार हैं!अब जबकि भारत वापिस लौटे हैं तो उनकी पढ़ाई जारी रहे,इसके लिये केंद्र सरकार लगातार प्रयास कर रही है!जबकि ऊपर से तुर्रा ये कि कुछ लोग इतने ऐहसानफरामोश हैं कि इस मुद्दे पर भी अपनी ही सरकार को घेर रहे हैं,मानों यूक्रेन पर रूसी हमले के लिये या छात्रों को संकट में डालने के लिये भारत सरकार जिम्मेदार हो!
याद रहे मोदी सरकार ने विगत 7 साल में जो कुछ अच्छे या बुरे काम किये,उनमें सबसे सही फैसला यदि कोई है तो वो है भारत का संयुक्त राष्ट्र संघ में रूस का समर्थन करना! भारत के लिये महत्वपूर्ण यह नही कि रूस में कम्युनिज्म है,लोकतंत्र है या तानाशाही! इतिहास गवाह है कि हर संकट में रूस ने भारत का साथ दिया है! भारत को पहली बार कर्ज उतारने का अवसर मिला और मोदी सरकार ने बड़ी जीबटता से रूस का साथ दिया!
अव्वल तो पढ़े लिखे टैलेंटेड भारतीय युवा अपन वतन छोड़कर ,व्यक्तिगत केरियर के वास्ते यूके, यूएस, यूक्रेन चीन इत्यादि देशों में चले जाते हैं, ऊपर से तुर्रा ये कि संकट आने पर अपने वतन को कोसने लग जाते हैं! उनको बचाने में देश का अरबों खरबों रुपया लुटाया जा रहा है! इतने रुपये में तो ठेका मजूरों की महिनों से बकाया पगार दी जा सकती थी,गरीबों बेरोजगार युवाओं को मदद दी जा सकती थी!
दुख तो इस बातका है कि गरीब वर्ग के हितों की दुहाई देने वाले,क्रांतिकारी साथी गण विचारधारा की सलीब अपने कांधे पर लादे हुए मोदी विरोंध में मगन हैं! भाजपा विरोध की रो में बहक कर वे देश के गरीबों की बात करने के बजाय मोदी सरकार की निंदा में व्यस्त हैं! मोदी विरोध का उनका यह स्टैंड कितना घटिया है कि विदेश से धनी छात्रों को वापिस लाने के लिये जो प्रयास अब हो रहा है,वो पहले क्यों नही किये गये!
मोदी सरकार की निंदा तो हर कोई ऐरा गैरा नत्थू खैरा कर सकता है,मैने भी किसानों पर हुए अत्याचारों के लिये मोदी सरकार की निंदा में सोशल मीडिया पर लगातार लिखा!किंतु यूक्रेन पर रूस के हमले पर और यूक्रेन से छात्रों को बचाने में मोदी सरकार ने जो किया वह संतोषजनक है! लेकिन देश में मेंहगाई है,बेकारी है,पीएसयू बेचे जा रहे हैं,मोदी सरकार के इन गलत कामों का मैं समर्थन नही करता #नरेंद्रमोदी
May be an image of text that says 'कभी सुशियों की धूप, कभी दर्द की छांव| कभी जीत की आशा, कभी हार की निराशा बस यही है, जिंदगी की छोटी सी परिभाषा। सुप्रभात! Good maring? morning'
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