2014 के चुनाव में भाजपा-संघ प्रवक्ताओं ने,मोदीजी ने,बाबा रामदेव ने,अण्णा हजारे ने,केजरीवाल और सुब्रह्मण्य स्वामी ने चीख चीख कर कहा था कि:-
"देश में 4 लाख करोड़ का कालाधन है!और उतना ही स्विस बैंकों में जमा है!दूरसंचार स्पेक्ट्रम नीलामी में 1,68 लाख करोड़ का गबन हुआ है"
तब बाबा रामदेव ने ये भी कहा था कि यदि मोदीजी सत्ता में आ जाएंगे तो अभी( मार्च 2014 में )जो LPG सिलेंडर 445 रु. का मिल रहा है वह 335/- रु. में मिलने लगेगा!
सवाल :- वो कालेधन की रकम अब तक हासिल क्यों नहीं की गई ? यदि गबन नही हुआ था या कालाधन था ही नहीं तो कांग्रेस और यूपीए को बदनाम क्यों किया गया!यदि काला धन स्विस बैंकों में जमा नही था तो मनमोहनसिंह जैसै ईमानदार इंसान को दुष्ट खलनायक बताकर बदनाम क्यों किया गया? सर्वथा झूँठ बोलकर सत्ता हथियाना क्या महापाप नही है?
नोटबंदी के बाद जो कालाधन आया वो! 1,76 हजार करोड़ RBI से उठाया वो! सरकारी उपक्रम बेचे वो!कर्मचारियों की भर्ती बंद! पेंसनर्स का वेतन पुनरीक्षण बंद!
दो साल तक मंहगाई भत्ता रोका गया वो इत्यादि बचतों से जीडीपी बढ़ी कि गिरी?
इन सब धत्कर्मोॉ के बावजूद हमारी जीडीपी दुनिया में सबसे नीचे क्यों ?
इस कोरोना संकटकाल के डेल्टा वैरियेंट न्यु वायरस के दौर में भी रूस,फ्रांस,अमेरिका, जापान,जर्मनी 5-6% की जीडीपी बनाए हुए हैं!पड़ोसी श्रीलंका पाकिस्तान, बांग्लादेश और चीन यहां तक की नैपाल की जीडीपी भी 5% से ऊपर है! लेकिन असल तस्वीर दिखाओ तो अंधभक्त कुतर्क करने लग जाते हैं! हमारी हालत ऐंसी है कि हम आज न लीपने के न पाथने के! केबल गाल बजाकर दुनिया के सामने हंसी उड़वा रहे हैं कहते हैं 'हम दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के दावेदार हैं!'
देश की अर्थव्यवस्था का तो पता नही किंतु कोरोना संक्रमण के भयावह दौर की त्रासदी में,गरीबी बेकारी में,और मेंहगाई में जरूर यहाँ बेहद इजाफा हुआ है ! इन मामलों में हम दुनिया में नंबर वन होते जा रहे हैं! इस मुल्क के पीड़ित इंसान समझ नहीं पा रहे हैं कि रोयें या गाएं? हर हर मोदी बोलें कि जय श्रीराम?
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