निजीकरण करो भाई कौन रोक रहा है ? लेकिन फिर अपनी जमीन खरीदो!अपनी रेल पटरी बिछाओ! सिग्नलिंग सिस्टम लगाओ! स्किल्ड स्टाफ को नौकरी दो!अपना इंजन कारखाना लगाओ!अपनी बोगी बनाओ! फिर ट्रेन चलाओ !स्टेशन बनाओ!जितना विकसित करने का मन करे,खूब करो!
एक्सप्रेस चलाओ,बुलैट ट्रैन चलाओ, किसने रोका! सारे देश को स्वर्ग से सुंदर बना दो! किंतु विगत 70 सालों में भारत की मेहनतकश जनता ने जो सार्वजनिक सिस्टम खड़ा किया है,उसकी ऐंसी तैंसी तो न करो!
user charge लो!चाहे उधर ताकने पर भी पैसा वसूलो!कौन रोक रहा है भाई ?
हमारा बूता होगा तो तुम्हारे स्टेशन से तुम्हारी ट्रेन पकड़ेंगे और औकात से बाहर होगा तो अपनी पुरनिया छुकछुकिया पे जाके बैठ जाएंगे! जिसे हमारे बाप दादा अपना टैक्स देकर धीरे धीरे इक्कठा करके बनाते रहे!
औकात हो तो हेल्दी कम्पटीशन करो ...! अपना parallel मॉडल रखो हमारे मॉडल के सामने ! हमारा दावा है कि केवल एक रुट बनाने में फींचकुर न फेंक दिए तो कहना ...!
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