विगत साढ़े 7 साल के शासनकाल में मोदी जी ने पहली बार किसी सरकारी सेक्टर को तबज्जो देने और परिष्कृत करने का पुरजोर आहवान किया है! शिक्षक दिवस पर उन्होंने सरकारी स्कूलों,सरकारी शैक्षणिक संस्थानों के महत्वपूर्ण योगदान और उनका अद्यतन उत्थान करने का आहवान किया है! गनीमत है कि कम से कम सरकारी शिक्षा क्षेत्र को तो जीवनदान मिल गया! बाकी क्षेत्रों पर तो निजीकरण की गाज गिरने ही वाली है!
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