शुक्रवार, 17 सितंबर 2021

आसमां गूँज उठेगा,

 ठहाका लगायेंगे तो आसमां गूँज उठेगा,

आह भरेंगे तो सन्नाटा होगा चारों ओर मौन!
हर्ष उल्लासों की प्रतिध्वनियां जग सुनेगा,
किंतु मौन-मंद सिसकियां कवि की सुनेगा कौन

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