इंकलाब ज़िंदाबाद !
progressive Articles ,Poems & Socio-political -economical Critque !
बुधवार, 29 सितंबर 2021
गीत बदल दो,साज बदल दो !!
नीति बदल दो,चाल बदल दो!
गीत बदल दो,साज बदल दो !!
जो जनता के काम न आए,
उस सिस्टम को,आज बदल दो!
शोषण करे किसान मजदूर का,
उस शासक का राज बदल दो!
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