महबूबा मुफ्ती,आसियां अंद्रावी जैसी इक्का दुक्का कश्मीरी मुंहफट बेलगाम पाकिस्तान परस्त दल्लियां राग तालिवान गा रहीं हैं! यूपी के कुछ कठमुल्ले और एक दो गए गुजरे जमाने सठियाये हुए शायर तथा असदउद्दीन ओवैसी जैसे नफरत की आग भड़काने वाले साम्प्रदायिक नेता भी तालिवान आतंकियों के बड़े मुरीद हैं! क्या इन सबको उन अफगान औरतों की पीड़ा नजर नही आ रही,जो डर के मारे इधर उधर मारी मारी फिर रहीं हैं ? अफगानिस्तान में मासूम बच्चियाँ निर्दयी बर्बर राक्षसों याने तालिवानियों की हवस का शिकार हो रही हैं ?
भारत में जिस किसी का भी तालिवान के लिये धड़क रहा है, वह कान खोलकर अफगान बच्चियों का चीत्कार सुन ले!खूँखार दरिंदे हक्कानियों आई एस आई एस और तालिवानियों की बंदूकों के सामने निडर अनेक बहादुर अफगान औरतें पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगा रहीं हैं!
यदि तालिवानी बड़े नेक दिल और इंसाफ पसंद हैं,तो तमाम अफगान औरतें और अमनपसंद लाखों मर्द और अल्पसंख्यक अफगानिस्तान से भाग क्यों रहे हैं? भारत में जो लोग हक्कानियों और तालिवान के समर्थक हैं,उनका पता लगाकर अफगानिस्तान भेज दिया जाए अथवा तालिवान और हक्कानियों के मुरीद परम् मित्र पाकिस्तान भेज दिया जाए!
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