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तुम कौन हो,हम नहीं जानते !
गहरी नदिया हो और नाव पुरानी हो.
उफनती मझधार में लहर तूफानी हो.
धीर गंभीर स्थितप्रज्ञ कुशल माझी हो.
पार लगाने में जिसका न कोई सानी हो.
भले ही उसकी छोटी सी जिंदगानी हो.
वतन कौम के काम आ जाये जवानी हो.
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