1- त्यागपत्र के बहाने केंद्रिय मंत्रिमंडल से हटाये गये जन नेता रविशंकर प्रसाद,प्रकाश जावड़ेकर जैसे कद्दावर नेता शायद मोदी जी से कुछ बातों में असहमति रखते होंगे! हटाये गये ये नेता कुशलवक्ता और सर्वाधिक योग्य एवं हायर एजुकेटेड हैं!
2- विगत दो साल में भारत की चौतरफा दुर्गति हुई है और भाजपा का जनाधार- भी बंगाल,यूपी दक्षिण भारत सहित पूरे देश में घट रहा है!
3- कोरोना की दूसरी लहर के दौर में चुनाव और अनगढ़ लॉकडाऊन, मेंहगाई ,किसान आंदोलन, आक्सीजन रैमडेसिवर की मारा मारी,बेरोजगार मजदूरों का पलायन,उनकी भुखमरी इत्यादि के कारण, देश विदेश में मोदी जी की छवि धूमिल हुई है! इसलिये अब ताश के पत्ते फैंटकर नया दाव लगाया जा रहा है!
4- बिना चूँ चपड़ के,संसदीय फोरम में प्रस्ताव लाये बिना ही,पुराने पार्टी बफादारों को हटाकर दलबदलूॉओं को ऊँचे सिंहासन बिठाकर नये कीर्तिमान स्थापित किये हैं!यह किसी साधारण व्यक्ति के वश की बात नही!इसीलिये मोदीजी आज दुनिया के सबसे शक्तिशाली प्रधानमंत्री हैं! उनके पूँजीपति मित्र भी फीलगुड महसूस कर रहे हैं!
5-जो बाईडेन,शीजिनपिंग और पुतिन भी इतने ताकतवर नही हैं कि अपने बलबूते पर किसी को भी कुसी सो हटा दें और किसी को भी अपनी टीम में शामिल कर लें !
6 -वेशक मोदीजी बहुत ताकतवर हुए हैं,किंतु भारत बहुत कमजोर और भारतीय लोकतंत्र कमजोर होने लगा है! खुदा खैर करे.. हरि इच्छा...!!!
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