मंगलवार, 6 जुलाई 2021

क्यों भरते हो आह! ?

 जॉब गया तो क्या भया,क्यों भरते हो आह!

नैतिकता आदर्श की,अब किसको परवाह!!
कांग्रेस यदि भृष्ट थी,सो हुई भयानक हार।
क्या पाकसाफ़ हैभाजपा,जो जीते बारंबार !!
भृष्टाचार में लिप्त हैं,अफसर बाबू हरकार !
फिर भी हाँडी काठ की ,चढ़ती बारम्बार !!
घोर कुशासन व्याप्त है,हर विभाग में आज!
नवरत्नों पर गिर रही, निजीक्षेत्र की गाज!!
श्रीराम तिवारी

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