भारत एक ऐंसा अमीर देश है जिसका उधारी के बिना काम नहीं चलता। मोदी जी के पास इतना प्रचंड बहुमत है कि वे देशहित में सम्पत्ति हस्तांतरण का क़ानून बना सकते हैं या राज्यों को इस अधिकार बाबत कानून बनाने की इजाजत दे सकते हैं!
सभी धनाढ्यों,बड़े जमींदारों पास बैंकों पास डूबत खातों का जो अकूत पैसा सड़ रहा है। इसी तरह केरल के स्वामी पद्मनाभ मंदिर में ,तिरुपति बालाजी ,शिरडी साईँ और तमाम बकफबोर्ड इत्यादि जैसे धर्मादा संसथानों में और देश भर के अनेक धर्म स्थलों,मंदिरों,मस्जिदों,गुरुद्वारों,गिरजाघरों और मठों में अकूत धन भरा पड़ा है। यदि इनसे राजसात में कोई अड़चन है, तो बिना ब्याज के रकम तो उधार मांगी ही जा सकती है।
उपरोक्त स्त्रोत और संसाधनों से इतना धन जुट सकता है कि भारत को अमेरिका , इजरायल,जापान,जर्मनी या किसी अन्य देश से उधार नहीं मांगना पड़ेगा ! ठेका मजदूरों का वेतन नही रोकना पड़ेगा, अपने ही कर्मचारियों का मंहगाई भत्ता नही रोकना पड़ेगा!
वामपंथ को भी इस संदर्भ में उचित मांग उठाकर विराट जन आंदोलन खड़ा करना चाहिए।
किसान आंदोलन अब स्थगित किया जाना चाहिये! जब सरकार कोई कानून लागू ही नही कर रही तो जबरन अपनी ऊर्जा खत्म नही करनी चाहिये
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें