शनिवार, 20 मई 2023

दिवान टोडरमल जी की हवेली

 चित्र मे दिखाई देने वाली यह दिवान टोडरमल जी की हवेली है जिन्होंने 78,000 मोहरें बिछाकर गुरुगोविंद सिंह जी के साहबजादों और माता गुजरी देवी जी के संस्कार के लिए 4 गज जगह खरीदी थी..

मुगली क्रूर राजा ने मां गुजरी और बच्चों के संस्कार के लिए जमीन देने से मना कर दिया था। तब टोडरमल जी सामने आए उन्होंने राजा से संस्कार के लिए जमीन देने की मन्नतें की। राजा ने जमीन की कीमत मांगी थी सोने की मोहरों से जितनी जमीन नापी जा सके उतनी ले लो। जब मोहरे बिछानी शुरू की तब धूर्तता ओर कपट में संलीप्त मुगल बादशाह ने ज्यादा रकम ऐंठने के लिए आडी नही खडी मुद्रायें बिछाने को कहा !
उस समय टोडरमल ने अंतिम संस्कार के लिए खडी सोने की मोहरे बिछाकर संस्कार हो सके इतनी जमीन खरीदकर संस्कार करवाया !
इतने क्रूर अत्याचार करने वाले आक्रांताओं के इतिहास को मेकप करके तो हमें रटाया जाता रहा लेकिन हमारे देश व धर्म के लिए त्याग और बलिदान करने वाले महापुरुषों के इतिहास को गुमनामी में धकेल दिया गया।
मूर्ख हिन्दू पनपी ऐसी मानसिकता के किस कोने में मानवता ढूंड रहा है पता नहीं,,,,,
आज स्थिति ये है कि खुद दिवान टोडरमल जी की हवेली को देखने वाला कोई नही........
अफ़सोस,,,,,😢😢😢
सरहिंद पंजाब में यह हवेली है।
अखंड भारत सनातन संस्कृति
May be an image of castle and temple
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