शनिवार, 6 मई 2023

पादरी मौलवी और पंडित

 मुझे मेरी रात की नींद के दौरान मेरे 8 घंटे के दैनिक स्वभाविक स्वतंत्र उपवास को साझा करने की अनुमति दें। यह फास्ट नाश्ते Breakfast से रोज टूट जाता है।

ऐसा क्यों है कि तमाम विकसित देशों में फास्ट रखने वाले अपने शरीर के कर्मकांड की आवाज पहले सुनते हैं,ना कि 1% पादरी मौलवी और पंडित के हिसाब,समय और खान-पान का फतवा मानते हैं ?
भोजन और पानी ही एकमात्र ऊर्जा पैकेट सेवन है जिसे एक सामान्य वयस्क Adult की रक्त शिराओं में 60,000 किमी तक पहुंचाना होता है।
अपने शरीर की आवाज या एक्सपर्ट डाइटिशियन की सलाह न सुन कर बाहरी आवाज पर "भूख हड़ताल" करना या उपवास करना कौन सी बहादुरी बुद्धिमानी है ? क्या यही मॉर्डन ट्रेन्ड है ? 👏

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