पूंजीवादी लोकतंत्र में राजनीतिक नाटक देखो !
करोड़ों के घर में रहने वाला एक बदमाश नेता खुद को *आम आदमी* बताकर सारी जनता को उल्लू बना रहा है।जबकि वह बदमाश नेता व्यक्ति गत तौर पर दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की कर रहा है!
साफ-सुथरी राजनीति में दिन-प्रतिदिन गाली गलौज और *आप लोग* अच्छे लोगों का साथ देने की बजाय आतंकवादियों का साथ देने लगे हो, देशद्रोहियों का साथ देने लगे हो। डॉक्टर, वकील,पुलिस तम्हारी न्याय व्यवस्था, पत्रकारिता का पता नहीं किस गर्त में चली जा रही है।
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