क्या यह मानसिकता कौमी एकता का सबब है? क्या यह भारत जैसे धर्मनिरपेक्ष मुल्क के लिए खतरनाक स्थिति नहीं है ?पाकिस्तान के राजनैतिक हंगामा को लेकर भारतीय मीडिया जरूरत से ज्यादा रुचि ले रहा है! पी एम इमरान खान के खिलाफ वहां का विपक्ष जितना हो हल्ला कर रहा है,यहाँ भारतीय मीडिया उससे भी आगे है! भारत के मीडिया और सरकार को समझना चाहिये कि भारत को खतरा वहां की आवाम से नहीं है,इमरान खानसे भी नही है,बल्कि भारतको हमेशा पाकिस्तान की खूँखार फौज,ISI और कठमुल्ले आतंकवाद से खतरा रहा है!
बहरहाल PPP-PTI,MQM हो या कोई और तुर्रमखां हो,पाकिस्तान की सत्तापर कोई भी काबिज रहे,जब तक पाकिस्तानी फौज और ISI का लोकतंत्र में दखल रहेगा,तब तक पाकिस्तान में अमन खुशहाली असंभव है और भारत से पाकिस्तान के रिस्ते सुधरना और भी कठिन है!
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