बुधवार, 13 अप्रैल 2022

निंदक नियरे राखिये

 मैं अपने मित्रों,बंधु-बांधवों और हितैषियों को सलाह इसलिए नही देता कि मैं उन सभी से ज्यादा समझदार हूँ!अपितु मैं इस ख्याल से अपने अनुभव साझा करता हूंँ कि शायद मैंने जिंदगी में उनसे ज्यादा गलतियां की हैं और उन गलतियों से अत्यंत उत्साहबर्धक सबक सीखा है! जिंदगी में जिन्होंने मेरी निंदा और आलोचना की है,उन्हें बहुत -बहुत धन्यवाद!

क्योंकि कबीर बाबा कह गये हैं कि :-
"निंदक नियरे राखिये आँगन कुटी छवाय !
बिनु पानी बिनु साबुना,निर्मल करे सुभाय !!"
Uma Kant Pandey, Akshat Tiwari and 6 others

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