सारे जहाँ से अच्छा ,हिन्दोस्ताँ हमारा*
लिखने वाले *अल्लामा मोहम्मद इक़बाल* की पुण्य तिथि पर सादर स्मरण... हार्दिक अभिवादन!
वेशक पाकिस्तान बनने पर वे भारत छोड़ गए! किन्तु उनकी धर्मनिरपेक्ष शायरी:-
*सारे जहां से अच्छा हिंदोस्ता हमारा*
.......
'हिंदी हैं हम वतन हैं हिन्दोस्ताँ हमारा'
का पैगाम युगों-युगों तक हिंदोस्तां की आवाम को प्रेरणा देता रहेगा ।
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