*शैतान* ने देखा कि अमेरिका,यूरोप -नाटो देश *रूस-युक्रेन युद्ध * से हलकान हैं! मध्य पूर्व के देश कभी आई एस आई और कभी तालिवान से परेशान हैं!पाकिस्तान,श्रीलंका, ताईवान ,हांगकांग और नैपाल चीन की वित्तीय चालाकी से परेशान हैं,म्यांमार अपनी ही फौज से हल्कान है! केवल भारत ही है,जहां थोड़ा सा अमन और थोड़ी सी खुशहाली है !
चूंकि भारत में लोकतंत्र सुरक्षित है,मेंहगाई बेरोजगारी के बावजूद 140 करोड़ आबादी में से आज कोई नही कह सकता कि *उसे आज खाना नही मिला!* इसीलिये शैतान ने अपने बंदों के दिमाग में भारत के खिलाफ जहर भरा और फिर कभी रामनवमी,कभी हनुमान जयंति कभी किसी शांतिप्रिय जुलूस और अमनपसंद जनता पर पत्थर फेंकने का हुक्म दिया! नतीजा सामने है! कि भारत में भी धुआँ उठने लगा है!
मेरा धर्म कभी खतरे में नहीं रहा,क्योंकि वह सत्य की सनातन धुरी पर निरंतर गतिमान है! हमें सनातन मूल्यों का मिला वरदान है! अहिंसा,सत्य,अस्तेय, मैत्री,मुदिता,क्षमा और करुणा जैसे शाश्वत मूल्यों का हमें अभिमान है! जिनका मजहब या धर्म छुई मुई है,उन्ही का मजहब/धर्म हमेशा खतरे में होता है,क्योंकि उनको हमेशा गुमराह करने वाला कोई तो शैतान हैं!
कभी करौली,कभी कैराना,कभी कश्मीर में कभी कोलकाता,खरगोन,खंडवा,और कभी दिल्ली की सड़कों पर खून से सने हुए,ईंट पत्थरों के ढेर और जले हुए मकान,दुकान देखकर,जले हुए वाहनों के दृश्य देखकर शैतान मुस्करा रहा है! लेकिन शैतान भूल जाता है कि अंततोगत्वा जीत सत्य की ही होगी! जय हिद! जय जगत ...
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें