जो शख्स फासिज्म और केपिटलिज्म का जघन्य क्रूर इतिहास नहीं जानता ,जो शख्स विश्व की महत्वपूर्ण क्रांतियों का इतिहास नही जानता, जो शख्स वैश्विक आतंकवाद से पीड़ित भारत के दर्द को नही समझता, दरसल वो कानून का ककहरा भी नही जानता ! जो शख्स धर्म मजहब और साम्प्रदायिकता की राजनीतिक बारीकियों का सूक्ष्म अवलोकन नहीं कर सकता,वह किसी भी विषय या व्यक्ति के साथ न्याय नही कर सकता !
चोट्टे महा हगाड़ी कुटिलों और परिवारवादी तत्वों ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री *एकनाथ शिंदे* और उनके समर्थकों को बदनाम करने के लिए अफवाह उड़ाई कि ठाकरे वंश से विद्रोह करने और मातोश्री की जागीरी खत्म करने वाले शिवसेनिकों को भाजपा ने करोड़ों में खरीदा हैं! यदि यह सच है तो बेचारे फड़नवीस का अवमूल्यन क्यों किया गया? उन्हें डंके की चोट पर मुख्यमंत्री बनाना था !
एक आटो रिक्शा चालक को महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद पर आसीन देखकर जिनकी छाती जल रही है, उनकी सोच सामंतवादी और परिवारवादी है!
व्यक्ति के जीवन का निर्माण नैतिक चरित्र पर टिका होता है! चरित्र हमें जन्म से प्राप्त नही होता,यह समय के साथ सीखा हुआ व्यवहार है! व्यक्ति मुसीबत के समय चरित्र निर्माण नही करता,वह पहले से ही कर रहा होता है! संकटकाल में वह अपनी तैयारियों का सिर्फ प्रदर्शन कर रहा होता है!"
आप जो भी बोलते हैं...उसे पूरा ब्रह्मांड सुनता है और अपने अभिलेखागार में दर्ज कर लेता है...इसलिए बोलना एक सार्वभौमिक उत्तरदायित्व है...हमारी तनिक सी लापरवाही से भावी पुश्तें तक प्रभावित होती हैं! जय महाकाल
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें