इंकलाब ज़िंदाबाद !
progressive Articles ,Poems & Socio-political -economical Critque !
सोमवार, 18 जुलाई 2022
हाथ में टच
फ़ोन,
बस स्टेटस के लिये अच्छा है…!
सबके टच में रहो,
जिंदगी के लिये ज्यादा अच्छा है…!
ज़िन्दगी में ना ज़ाने कौनसी बात "आख़री" हो ?
ना ज़ाने कौनसी रात
"आख़री" हो?
मिलते, जुलते, बातें करते रहो सभी एक दूसरे से,
ना जाने कौनसी "मुलाक़ात" आख़री हो ?
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