सोमवार, 11 जुलाई 2022

भेड़िया धसान शासन तंत्र

 संविधान की मंशानुसार विधिक रूप से भारत 'संघीय गणराज्य' है, अर्थात राज्यों का संघ है। संविधान की मंशानुसार यह धर्मनिरपेक्ष-समाजवादी-गणतंत्र भी है। किन्तु वर्तमान पूँजीवादी भृष्ट समाज व्यवस्था में न तो धर्मनिरपेक्षता बची है ,न समाजवाद का कोई चिन्ह मौजूद है और न कहीं पर गणतंत्र साबुत बचा है!

इन दिनों भारत में जो कुछ चल रहा है,वह सब भेड़िया धसान शासन तंत्र है! जिसकी लाठी उसकी भैंस है। कोई भी पूंजीवादी राजनैतिक पार्टी दूध की नहाई नहीं है ! जो अपने आपको समाजवादी कहते हैं वे महाभ्रुष्ट लालू एंड संस,मुलायम एंड संस यादवी परिवार, राकांपा परिवार, करुणा निधि, मुरासोली मारन परिवार,देवैगौड़ा एंड संस हरियाणा,यूपी वैस्ट के चोधरी परिवार सबके सब आकंठ गटर गंग नहाए हुए हैं!
इन दिनों जो कुख्यात हो रहे हैं। वो अति भॄस्ट क्षेत्रीय क्षत्रप हैं,वे मायावती परिवार,करूणानिधि परिवार,रेड्डी परिवार,बादल परिवार,मोमता परिवार,राणे परिवार, वीरभद्र परिवार, हुड्डा परिवार ओवेसी परिवार ,आजम खां परिवार और फारुख अब्दुला परिवार जैसे धूर्त नव धनाढ्य भृष्ट परिवारों में शुमार हो रहे हैं।
दरअसल देश को कांग्रेस से या गाँधी नेहरू परिवार से कोई खतरा नहीं।इस देश को संघ परिवार से भी किसी को कोई खतरा नहीं,जितना इन महापातकी गैरजिम्मेदार और धनलोलुप नवधनाढ्य परिवारों से देश को खतरा है। सीबीआई और ईडी को न केवल लालू यादव परिवार पर बल्कि हर उस राजनेतिक पकड़ वाले परिवार पर छापा डालना चाहिए जो कोई कामधंधा नहीं करता और केवल राजनीति को धंधा बना रखा है !

बेतहासा बढ़ रही मेंहगाई और बेरोजगारी पर मोदी सरकार ने जनता के जख्मों पर मानों नमक छिड़क दिया है ! अब दूध दही छांछ पर भी जीएस टी लगा दिया है!
इस पर पेश आसु कविता की दो पंक़तिया:-
ओम नमो ओम नमो ओम नमो कहिये !
जाहि बिधि राखे मोदी ताहि विधि रहिये!!

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