कोरोना संकट तो कम हुआ नही,बल्कि दूसरी मुसीबतें जो देश और दुनिया पर आन पड़ीं हैं, उनकी चपेट में कोई भी आ सकता है ! दवाएं और बैक्सीन भी बेअसर होने लगें हैं! दूसरी और अधिकांस मजूर बेरोजगार हो गये हैं,निजी क्षेत्र के स्कूल- कालेजों के अध्यापक अध्यापिकाएं 18 माह से रोजी रोटी को मोहताज हैं!जबकि मेंहगाई बेकाबू है! इस संकटकाल में भी कुछ कमीने लोग मुनाफाखोरी, जमाखोरी में जुटे हैं ! इस दुरावस्था पर कुछ एक्शन लेने के बजाय, हमारे प्रधानमंत्री असहाय होकर टीवी पर आँसू बहा रहे हैं!लोग समझ नही पा रहे हैं कि पूंजीपतियों को गले लगाने वाले पीएम महोदय अपनी गरीब बेबस आबाम और कोरोना पीड़ितों की मदद क्यों नही कर रहे हैं?
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