दिल्ली पुलिस ने कुछ निर्दोष नागरिकों को गिरफतार किया है,उनका कसूर सिर्फ यह है कि पोस्टर के माध्यम से सवाल किये हैं कि मोदीजी बताएं कि हमें वैक्सीन क्यों नही मिल रही है जबकि आपने विदेशों को मुफ्त में वैक्सीन वांटी है ? हालांकि यह सवाल बचकाना है,जो लोग डिप्लोमैसी या कूटनीति नही समझते ,वे ही ऐंसे हलकट सवाल उठाते हैं!
इसके बावजूद लोकतंत्र में हर सरकार से सवाल करना जनता का और विपक्ष का मौलिक और संवैघानिक अधिकार है!किंतु जो पुलिस अधिकारी रिस्वत देकर नौकरी- पोस्टिंग पाएंगे,जो नेता और जनप्रतिनिधि अशिक्षित या बाहुबली हैं वे सत्ता पर काबिज हो जाएंगे तो उनसे संवैधानिक अधिकारों के पालन की उम्मीद करना बेकार है?
हालांकि दिल्ली में वैक्सीन संबंधी सवाल पर पोस्टर लगाने वालों का प्रकरण अभी सुप्रीम कोर्ट में है,अत: आलेचना या समर्थन संभव नही ,किंतु सरसरी तौर पर यह संवैधानिक अधिकार का हनन है!
बंगाल में भी ममता बनर्जी ने इसी तरह की आलोचना के आधार पर जब भाजपा के तीन तीन विधायक गिरफ्तार कर लिये,तो केंद्र के रहनुमा तिलमिला गए! अब उन्हें भी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का बोध होने लगा है,लोकतंत्र खतरे में नजर आ रहा है!
बदले की नियत से केंद्र सरकार ने बंगाल में सीबीआई भेजकर,किसी जूने पुराने स्कैम में बंगाल की ममता सरकार के दो मंत्री और त्रण्मूल के कुछ अन्य नेताओं को गिरफ्तार करवा दिया है! यद्यपि जो पकड़े गये हैं वे बहुत पहले से ही बदनाम हैं,किंतु सवाल उठ रहा है कि केंद्र सरकार और सीबीआई ने अब तक किसका इंतजार किया?
अब जबकि बंगाल नें भाजपा के विधायक गिरफ्तार हुए,तब ही क्यों मोदी सरकार को याद आया कि बंगाल के पुराने पापियों को अब दंड दैने का समय आ गया है!
चूंकि केंद्र सरकार की यह सरासर बदले की और खुन्नस की कार्यवाही है ,अत: बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी धरने पर बैठ गईं हैं!
यद्यपि ममता खुद चोरों की सरगना है! किंतु वह जिनसे लड़ रही है, वे पूंजीवादी लुटेरों के सरगना हैं! अत: जिन्हें संविधान की फिक्र है,अभिव्यक्ति की आजादी की फिक्र है,वे सभी एकजुट हों और दिल्ली में गिरफ्तार किये गये पोस्टर लगाने वालों के पक्ष में आवाज बुलंद करें ! साथ ही बंगाल में हो रही भाजपा और त्रण्मूल की असंवैधानिक भिड़ंत से बंगाल को बचाएं!
:-श्रीराम तिवारी
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