अत्यंत दुख और शर्म की बात है कि जिस बंगाल में कांग्रेस और लैफ्ट जैसे धर्मनिर्पेक्ष दलों ने 35-35 साल शासन किया,इस बार वहाँ इनका खाता ही नही खुल सका! पाँव में नकली पट्टी बांधकर और अल्पसंख्यकों को भाजपा से डराकर ममता बनर्जी ने बंगाल में भाजपा को नही, वामपंथ और कांग्रेस को नही, बल्कि धर्मनिर्पेक्षता को भारी नुकसान पहुंचाया है!
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