बुधवार, 9 दिसंबर 2015

स्थाई रूप से कोई भी व्यक्ति ,समाज यह धर्म-मजहब सहिष्णु हो ही नहीं सकता !

कल   [९ - नवंबर] को इंदौर में सिमी आतंकियों ने अपनी  मुजरिमाना शक्ति का  खुलकर प्रदर्शन किया ! पूरा शहर तीन  घंटे तक मानों आतंकी दहशतगर्दों की अराजक हरकतों का शिकार हो चुका था। खबर है कि  हिन्दू महा सभा के किसी  लखनवी नेता ने मुसलमानों के बारे में कोई  आपत्तिजनक बयान  था। उसी की प्रतिक्रिया स्वरूप इंदौर में कल ईदगाह पर १० हजार मुसलमान एकजुट हुए। वहाँ से अराजक भीड़ के रूप में उन्होंने रीगल चौराहे   पर  धारा १४४ को तोड़ा। राहगीरों को पीटा ,दुकानों को तोड़ा ,खोमचे वालों को लूटा । हुड़दंगी  जाहिलों ने  गरीब -मजदूरों को अपनी  आतंकी भीड़ के बीच  जबरन घसीटा। मध्यप्रदेश में यदि आज कांग्रेस की सरकार होती , केंद्र में कोई गैर भाजपाई सरकार होती तो अब तक तमाम हिन्दू संगठनों ने  ,बाबाओं ने ,बाबियों ,ने  योगियों ने ध्यानियों ने आसमान सिर  पर उठा लिया होता! लेकिन अब चूँकि इंदौर की सरकार [महापौर] परिषद -भाजपाई हैं। सांसद सुमित्रा महाजन [३६ साल से ] भाजपाई हैं ,आठ में से छः  विधायक भाजपाई हैं, मध्य प्रदेश में भाजपा की शिवराज सरकार है ,दिल्ली में भाजपा की  मोदी सरकार है। पूरे देश में एकछत्र राज्य है।  ये लोग पाकिस्तान से क्रिकेट खेलने की  तैयारी में हैं !  हजारों सिमी आतंकी मध्यप्रदेश में गुलछर्रे उडा रहे हैं ,लेकिन इन कटट्रपंथियों  पर लगाम लगाने के बजाय  धर्मनिरपेक्ष साहित्यकारों और लेखकों को गालियाँ  दे रहे हैं ! इस्लाम और मुसलमानों के खिलाफ  घृणा फैलाकर हिन्दुओं के वोट हासिल करना जुदा  बात है। यदि दम है तो सभी धर्म-मजहब के  आतंकियों  को पकड़कर दिखाएँ। 



सोशल मीडिया , इलेक्ट्रॉनिक मीडिया  तथा प्रिंट -श्रव्य मीडिया पर हिन्दुत्ववादी नेताओं और योगी-साध्वियों के आध्यात्मिक [?]प्रवचनों मे हिंदुत्व की नयी आधुनिक परिभाषा कुछ इस प्रकार  की  है कि भले ही आप जन्म जात सचरित्र- सत्यभाषी वेदवेत्ता हिन्दू  हों !अथवा ब्राह्मण  ही क्यों न हों ?भले ही आप  भारतीय दर्शनशास्त्र के उदभट व्याख्याता ही क्यों न हों?  भले ही आप भारतीय सनातन परम्परानुसार- सूरज-धरती, गौ -गंगा- गायत्री  के आराधक ही  क्यों न हों  ? किन्तु यदि आप आर्थिक असमानता के खिलाफ हैं, यदि आप पूँजीवादी  लूटतंत्र के खिलाफ संघर्ष कर रहे  हैं तो आप को 'हिंदुत्व' का प्रमाणपत्र नहीं मिलेगा। यदि आप विज्ञानवादी हैं  , धर्मनिरपेक्षता ,लोकतंत्र व प्रगतिशीलता  के पक्षधर हैं , तो  इन खूबियों के वावजूद  भी आपको कदाचित हिंदुत्व का प्रमाणपत्र  नहीं मिलेगा ! जब तक  आप 'संघ परिवार' के फासीवादी  अभियान का हिस्सा नहीं  बन जाते !  जब  तक आप अंधश्रद्धायुक्त होकर 'बापू'  आसाराम या किसी पतित मठाधीश के अनुचर होकर  समाज में द्वेष नहीं फैलाते ,जब तक आप  धंधेबाज स्वामी- बाबा या [अ]साध्बी की  किसी बदनाम शिष्य  मण्डली में शामिल नहीं हो जाते ,जब तक आप धर्म और ईश्वर के बीच के बिचोलियों के सुरताल पर था -था  थैया  नहीं करते ,जब तक आप एक अदद ,दाभोलकर,पानसरे ,कलिबुर्गी  या अख्लाख़ को नहीं  मार देते तब तक आप हिन्दू नहीं हो सकते !  यदि आप सर्टिफाइड हिन्दू नहीं  तो आपकी सहिष्णुता  को कायरता  डिक्लेयर कर दिया जाएगा। 

हिंदुत्व का सर्टिफिकेट  चाहिए तो खाकी नेकर काली टोपी पहिनये। फिर भले ही  आप  धर्म-अर्थ -काम-मोक्ष इत्यादि चार पदार्थ और सत -रज-तम  इत्यादि तीनों गुणों की अवधारणा से अविज्ञ हों ,भले ही  आप  खुद ही  'बीफ' का धंधा  भी क्यों न करते हों ,किन्तु कटटरपंथ  की असीम अनुकम्पा से आपके लिए  तो दोनों जहाँ के द्वार खुले  हैं ! यदि आप जमाखोर  हैं ,यदि आप  सिर्फ खाद्य पदार्थ ही नहीं बल्कि सेना का असलाह गोला - बारूद  -जिरह बख्तर भी नकली बनाकर बेचते हैं ,यदि आप रिश्वतखोर और मक्कार भी हैं ,तो  भी कोई बात नहीं आप  को 'हिंदुत्व' का सर्टिफिकेट व्यापम काण्ड  के मुन्ना भाइयों की महत कृपा से एमपी की तर्ज पर घर बैठे मिल जाएगा। वशर्ते आप हर किस्म के  चुनाव में केवल 'भगवा द्ल'  को  ही जितायें  ! आप को देशभक्त हिन्दू  का  सर्टिफिकेट  ही नहीं बल्कि  पार्टी  और सरकार में  हैसियत अनुसार पद भी दिया जाएगा। भले ही आपके धत्कर्म इस लायक हों कि आपको जेल में सड़ना  चाहिये ,किन्तु यदि आपने चुनाव में  मोटी रकम दी है तो आपको भृष्ट सरमायेदारों के साथ गुलछर्रे-उडाने का भरपूर मौका  दिया जाएगा।

यदि आपने अपनी पूरी जवानी मजदूर वर्ग के संघर्षों  में स्वाहा  कर दी हो ,यदि आपने प्रगतिशील विचारधारा के जन संगठनों  के निर्माण में अपना तन-मन -धन सब कुछ अर्पित कर दिया हो ,यदि इस पतनशील व्यवस्था के खिलाफ  लड़ते -लड़ते आप की जवानी  खप चुकी हो और शरीर जर्जर हो गया हो ,यदि आपने विचारधारा के स्तर पर जरा भी असहमति का कोई नया और स्वतंत्र चिंतन  किया कि आपकी सारी अच्छाई -सारी  पुण्यायी कूड़ेदान के हवाले कर दी जाएगी। यदि आपने किसी भी प्रगतिशील -जनवादी मंच पर यह कह  दिया या लिख दिया कि "कुछ खूबियाँ  औरों में भी हो सकती हैं और  खुछ खामियाँ हम [वामपंथियों]  में भी हो सकती हैं। तो गजब हो जाएगा। आप घोर प्रतिक्रियावादी कहे जायंगे। आप पर संशोधनवाद का लांछन लगा  दिया जाएगा ! धर्म-मजहब के बारे में ढुलमुल रवैया अपनाने और साम्प्रदायिक  कटट्रपंथ हावी होने से भारत क्या दुनिया में  कहीं भी साम्यवाद टिक नहीं पा रहा है।  भारत  में त्रिपुरा ,केरल और बंगाल  के अलावा कहीं भी वामपंथ का कोई  भविष्य नहीं है। त्यासी अपनी जमानत  बचाने में भी असफल रहते हैं।

दोतरफा असहिष्णुता के आघात झलने  के लिए तैयार रहना होगा । धर्मांध हिन्दुओं की नजर में आप नास्तिक हैं ! कम्युनिस्ट हैं! दूसरी ओर लकीर के फ़कीर वामपंथियों की नजर में आप 'संशोधनवादी' हैं या 'वर्ग चेतना' से लेस नहीं हैं।  

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें