इन दिनों कांग्रेस पार्टी संसद और सड़क पर जो कुछ भी कर रही है, उससे देश को और देश की जनता का कोई लेना देना नहीं है। एनडीए सरकार अर्थात सत्ता पक्ष को बड़ी गलत फहमी है कि वे कांग्रेस को हराकर सत्ता में आये हैं। यह तो कोई सामान्य बुद्धि का व्यक्ति भी समझ सकता है कि कांग्रेस रुपी केंकड़े के विनाश के लिए उसके सोनिया ,राहुल और उनके दिग्भर्मित सलाहकार अर्थात आधुनिक बगल-बच्चे ही जिम्मेदार हैं ! यदि किसी को 'विनाशकाले विपरीत बुद्धि ' का जीवंत और बेहतरीन उदाहरण चाहिए तो कांग्रेस की कार्यनीतिक दिशा और सोच पर गौर फरमाये !
मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद बहुत सारे लोग आत्म हत्या कर चुके हैं। बहुत सारे लोग मारे जा चुके हैं। बहुत सारे लोग वेरोजगार हो गए हैं। बहुत सारे खेत सूखे और वीरान पड़े हैं। बहुत सारे फौजी सीमाओं पर मारे जा रहे हैं। बहुत सारे बेकार युवा अपराधों में लिप्त हो गए हैं। बहुत सारे अल्पसंख्यक आतंकी हो गये हैं। बहुत सारे लोग 'बीफ' खाने लगे हैं। बहुत सारे लोग काम काज छोड़कर 'विकास-विकास'चिल्लाने लगे हैं।
एनडीए -२ याने मोदी सरकार जब [१६ मई-२०१४] सत्ता में आई थी तब ५८ रूपये का एक अमरीकी डॉलर हुआ करता था। अब १८ माह बाद अब एक डॉलर लगभग ६८ रूपये का हो गया है। वेशक मोदी सरकार के राज में डॉलर के सापेक्ष रूपये का अवमूल्यन खूब हुआ है। किन्तु गरीब बनाम अमीर के बरक्स 'न्याय व्यवस्था ' के संदर्भ में रूपये की कीमत कुछ ज्यादा ही बढ़ी है। इस पूँजीवादी न्याय व्यवस्था की बलिहारी है। इसी को ही शायद श्रीलाल शुक्ल ने अपने क्लासिक उपन्यास राग दरबारी में "कौड़िल्ला छाप'' कहा होगा ! रुपया ,रुतवा और सामाजिक दबंगई अब इस न्याय व्यवस्था की अमरवेलि बन चुका है। उसी की महानता के कारण -जय ललिता,ललित मोदी ,शशि थरूर और सलमान खान जैसे 'खुशनसीब' लोगों के घरों में घी के दिए जलाये जा रहे हैं। और इसी रूपये की बदौलत न्याय की अनुकम्पा के अभाव में मरहूम नुरल्लाह के घर में अँधेरे का सन्नाटा पसरा हुआ है। इस निजाम को धिक्कार है !
सलमान खान के पिता पट कथा लेखक सलीम खान ने खुद ही खुलासा किया है कि सलमान ने इस केश में २५ करोड़ खर्च किये हैं। रूपये की अनुकम्पा के अभाव में मरहूम नुरल्लाह के घर में अँधेरे का सन्नाटा पसरा हुआ है। एनडीए -प्रथम अटल सरकार के दौरान भी बंगारू लक्ष्मण जैसे दिगज्ज नेता ने पैसे की ताकत का बखान किया था । और भाजपा के एक भूतपूर्व दिग्गज नेता 'जूदेव' ने भी शराब के नशे में रूपये की महिमा का कुछ इस तरह किया था :- "वेशक पैसा खुदा नहीं है ,किन्तु पैसा खुदा से कमतर भी नहीं है " ! मोदी जी के साथ सिर्फ पतंग उड़ा लेने मात्र से ही सलमान अपराध मुक्त नहीं हुए हैं। बल्कि २५ करोड़ रूपये भी कुछ तो माद्दा रखते हैं। हरेक संवेदनशील का दिल करता होगा कि न्याय के मंदिरों की सीढ़ियों पर खड़े होकर जोर -जोर से नारे लगाए :-
देश के भृष्ट पुलिस अधिकारीयों की जय हो !
गवाहों को खरीदने वालों की जय हो !
सबूतों को मिटाने वालों की जय हो !
निर्धन नुरल्लाह को कुचलकर मारने वाले की जय हो !
जिनके अच्छे दिन आये हैं उनकी जय हो !
भारतीय न्याय व्यवस्था की जय हो !
रिश्वतखोरों -मक्कारों की जय हो ! श्रीराम तिवारी
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